परशुराम का क्रोध शांत किया
परशुराम का क्रोध शांत किया -
राजा दशरथ, बारात लेकर मिथिला से अयोध्या जाने लगे अचानक परशुराम जी आ गये सबने उनको प्रणाम किया उन्होंने शिव-धनुष टूटने का समाचार सुन लिया था इस लिए वे बहुत क्रोधित थे उन्होंने अनेक दुष्ट राजाओ का वध किया था वे राम पर भी नाराज होने लगे तब लक्ष्मण को भी क्रोध आ गया उन्होंने परशुराम जी को युद्ध की चुनौती दे दी राम शान्त स्वभाव के थे उन्होंने धैर्य से काम लिया वे बड़ो का सदैव आदर करते थे उन्होंने महर्षि परशुरामजी से क्षमा-याचना की लक्ष्मण को भी समझाया राम ने अपने कोमल वचनो से उनका क्रोध शांत कर दिया तब परशुराम जी न राम की वीरता की परीक्षा करनी चाहिए उनके पास वैष्णव धनुष था यह धनुष इन्हे भगवान् शिव से मिला था उसकी प्रत्यंचा चढ़ाना बहुत कठिन था परशुराम जी ने वह धनुष राम को दिया और प्रत्यंचा चढ़ाने को खा राम ने तुरंत ही धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा दी परशुराण यह देख कर बहुत प्रसंन्न हुए उन्होंने राम को आशीर्वाद को आशीर्वाद दिया दुष्टो का संहार करने को कहा ऐसा कहकर परसुराम महेन्दर पर्वत पर तपस्या करने चले गए
बारात लेकर राजादशरथ अयोध्या पहुंचे सब ने आनन्द मनाया समस्त प्रजा प्रसन्न थी
Post a Comment